तस्वीर जिन्दगी के

Home | Manoj Bhawuk - Introduction | Bhawuk's Rachna Sansar Tasveer Jindagi Ke Collection of Gazals written by Manoj Bhawuk. This was the First Bhojpuri Book to be awarded by Bharatiya Bhasha Parishad. -------------------------------------------------------------------------------- Manoj Bhawuk gets Bhartiya Bhasha Parishad Award from Gulzar and girija devi.

Saturday, January 13, 2007

हमरा विश्वास बाटे कि हम एक दिन

40.

हमरा विश्वास बाटे कि हम एक दिन अपना सपना के साकार करबे करब
लाख घेरो घटा आ कुहासा मगरबन के सूरज कबो त निकलबे करब

हर डगर बा नया, हर गली बा नया,लोग अनजान बा, हर शहर बा नया
हौसला बा अउर, पास में बा जिगरजहवाँ जाये के बाटे, पहुँचबे करब

पेट से सीख के केहू ना आवे कुछ,एगो अपवाद अभिमन्यु के छोड़ दीं
सीखते-सीखते लोग सीखे इहाँ,ठान लीं जो सीखे के तऽ सीखबे करब

पहिले मंजिल चुनीं सोच के दूर ले, राह फिर तय करीं योजना के तहत
लेके भगवान के नाम चलते रहीं, सोचते कि हम कर गुजरबे करब

बीच दरियाव में आके लौटे के का,पीछे मुड़-मुड़ के देखे के, सोचे के का
जे भइल से भइल, जे गइल से गइल पार उतरे के बा तऽ उतरबे करब

मौत मंदिर में, मस्जिद में, बाजार में,मौत संसद में, घर में आ बस-कार में
तब भला मौत से डर के काहें रुकींमौत आई तऽ कतहूँ त मरबे करब

ई अलग बात बा आज ले सीप में, हमरा हर बेर 'भावुक' हो बालू मिलल
पर इहे सोच के अभियो डूबल हईं ,एक दिन हम त मोती निकलबे करब

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