तस्वीर जिन्दगी के

Home | Manoj Bhawuk - Introduction | Bhawuk's Rachna Sansar Tasveer Jindagi Ke Collection of Gazals written by Manoj Bhawuk. This was the First Bhojpuri Book to be awarded by Bharatiya Bhasha Parishad. -------------------------------------------------------------------------------- Manoj Bhawuk gets Bhartiya Bhasha Parishad Award from Gulzar and girija devi.

Friday, January 05, 2007

अबकी दियरी के परब अइसे मनावल जाये

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अबकी दियरी के परब अइसे मनावल जाये
मन के अँगना में एगो दीप जरावल जाये

रोशनी गाँव में, दिल्ली से ले आवल जाये
कैद सूरज के अब आजाद करावल जाये

हिन्दू, मुसलिम ना, ईसाई ना, सिक्ख ए भाई
अपना औलाद के इन्सान बनावल जाये

जेमें भगवान, खुदा, गॉड सभे साथ रहे
एह तरह के एगो देवास बनावल जाये

रोज दियरी बा कहीं, रोज कहीं भूखमरी
काश! दुनिया से विषमता के मिटावल जाये

सूप, चलनी के पटकला से भला का होई
श्रम के लाठी से दलिद्दर के भगावल जाये

लाख रस्ता हो कठिन, लाख दूर मंजिल हो
आस के फूल ही आँखिन में उगावल जाये

आम मउरल बा, जिया गंध से पागल बाटे
ए सखी, ए सखी 'भावुक' के बोलावल जाये


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